गिरगिटी दुनिया July 16, 2012 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps हकीकत से रूबरू हो रहे है अब , दस्तूर ये दुनिया की जब से समझ आई है , ये बातूनी दुनिया की दिल खोखली है, चेहरे पे दमक पर मन स्याह सा है, ये दुनिया भी सच मैं क्या गिरगिट से कम है ! Comments
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