गिरगिटी दुनिया

हकीकत से रूबरू हो रहे है अब ,
दस्तूर ये दुनिया की जब से समझ आई है ,
ये बातूनी दुनिया की दिल खोखली है,
चेहरे पे दमक पर मन स्याह सा है,
ये दुनिया भी सच मैं क्या गिरगिट से कम है !  

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