सूर्यास्त को मोमबत्ती बनाकर ,
चिपका दिया है,
अपने दिल के अँधेरे कोने में,
बंद कर ली है दिल की खिड़की,
डर है कोई नया मेहमाँ ना आ जाये,
जो अँधेरे दिए है तुमने, उसे फिर से,
एक नई रोशनी देने न आ जाये कोई,
अब और हिम्मत नहीं फिर से उजाले,
और उसकी रंगीनियत में आने की,
अब तुम्हारे दिए अंधियारे को ही,
सहारा बना लिया है हमने,
सूर्योदय की बाट नहीं जोहता मैं,
इसी रात से प्यार है मुझे,
राख बन गई है मुहब्बत,
डिबिया में बंद कर,
दफ़न कर दिया है सीने में,
कभी मिलो तो दिखाऊ,
दर्द जो दिया है तुने,
उसे छुपाने को,
क्या क्या नहीं किया है मैंने।
चिपका दिया है,
अपने दिल के अँधेरे कोने में,
बंद कर ली है दिल की खिड़की,
डर है कोई नया मेहमाँ ना आ जाये,
जो अँधेरे दिए है तुमने, उसे फिर से,
एक नई रोशनी देने न आ जाये कोई,
अब और हिम्मत नहीं फिर से उजाले,
और उसकी रंगीनियत में आने की,
अब तुम्हारे दिए अंधियारे को ही,
सहारा बना लिया है हमने,
सूर्योदय की बाट नहीं जोहता मैं,
इसी रात से प्यार है मुझे,
राख बन गई है मुहब्बत,
डिबिया में बंद कर,
दफ़न कर दिया है सीने में,
कभी मिलो तो दिखाऊ,
दर्द जो दिया है तुने,
उसे छुपाने को,
क्या क्या नहीं किया है मैंने।
Gud one..........really liked it !!!
ReplyDeleteThanx!!iss hosla afjai ke liye..
ReplyDeletelajawab likhte ho tum to
ReplyDeletedhanyawad
ReplyDelete