मुझमे समाने की कोशिश हो जैसे

यूँ बाँहों में आके,वो छिपते है ऐसे,
मुझमे समाने की, कोशिश हो जैसे,
वो सिने पे मेरे,सर रख के अपने,
बड़ी शोख अंदाज से,मुझको देखें,
कहीं एक कोना,दिल का मेरे मानो,
गुदगुदाती है खुद को,उनके हर शोखियों पर,
तपिश उनकी सासों का, महसूस करके,
दिल ये दीवाना, फिर जोरो से धड़का,
बालों के चादर थी, मुख पे यूँ  फैली,
मुझसे छुपाने की, कोशिश के जैसी,
ये पागल दीवाना भी, बस में नहीं था,
चिलमन हो मुख पे, गवारा नहीं था,
बड़े प्यार से मैंने, हाथों को अपने,
वो चादर हटाने की, कोशिश में पाया,
बालों को धीरे से, कानों के पीछे,
बड़े प्यार से मैंने, लाकर सजाया,
बड़े चैन से, उनके बाँहों में धंस कर,
मैं सोता हूँ ऐसे, की जन्नत मिली है,
यूँ  ही साथ मेरे, हमेशा रहो तुम,
तुम्हारी वजह से,ये सासों का रेला,
तुम्हारी वजह से,है दिल भी धडकता ।









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