एक कोशिश




एक कोशिश सी की है मैंने ,आसमान को छूने की।

नील गगन मैं पंख पसारे, उन्मुक्त जिंदगी जीने की।

डर लगता है सोच के हमको ,कोशिशो की , परिणामों की ।
फिर यह साहस सा आता है ,दिल ही दिल को समझाता है ।

नादाँ ना बन, इंकार न कर ,तू जिंदगी के हर मोड़ पे चल ।
आगे हम चलते जायेंगे ,विघ्न भले ही आएंगे,उस पार जरुर हम जायेंगे ।

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