उफ्फ़,
ये तवायफ सोच तेरी,
मार डालेगी किसी दिन,
रंगीं नजारों में ही तेरी ,
गर्दन डुबोएगी किसी दिन।
कहीं ,
दिल भी न ये ,नापाक करदे,
मन भी न ये ,नापाक करदे,
ये तवायफ सोच तेरी,
गर्त में, डालेगी किसी दिन।
राह में भटका हुआ तु ,
एक दरिंदा बन न गया है,
हर गली का एक आवारा,
भ्रष्ट राही, बन गया है।
ये तवायफ सोच तेरी,
राह से गुमराह करके ,
हर किसी को,
मार डालेगी किसी दिन।
ये तवायफ सोच तेरी,
मार डालेगी किसी दिन,
रंगीं नजारों में ही तेरी ,
गर्दन डुबोएगी किसी दिन।
कहीं ,
दिल भी न ये ,नापाक करदे,
मन भी न ये ,नापाक करदे,
ये तवायफ सोच तेरी,
गर्त में, डालेगी किसी दिन।
राह में भटका हुआ तु ,
एक दरिंदा बन न गया है,
हर गली का एक आवारा,
भ्रष्ट राही, बन गया है।
ये तवायफ सोच तेरी,
राह से गुमराह करके ,
हर किसी को,
मार डालेगी किसी दिन।
good thought, good presentation
ReplyDelete