हिम्मत अब पस्त हो रही है!!

रात की ठंढक  खो रही है…
बिस्तर की सिलवटे रो रहीं हैं …
बेचैनी में रात कट रही  है…
दिन की गर्माहट गुम हो रही है…

गौर से मेहसूस  किया …
दिल धडकना छोड़ रहा  है…

इन्तजार दफ्न हो रही है…
अकेले रह जाएंगे  सोचकर  …
हिम्मत अब पस्त हो रही है।




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