उन्हें देखने को केवल हम ही रह जाते!!

उन्हें देखने ,उनकी गली ,भरी दोपहरी में गया मैं ..
कमबख्त मजनुओ की  लंबी लाइन ही दिखी, पर वो न दिखीं।।

शाम हो गयी,अचानक उनकी अम्मी  दिखीं ...
और मजनुओ के खेमें  बँट  गए ...
कुछ  खुश हुए की चलो वो न सही
उनकी अम्मी  तो  दिखी!!

हम थोड़े गमीं हुए के कमबख्त ...
उनकी अम्मी की भी मम्मी आतीं ...
फिर खेमें और बँट जाते ..
और उन्हें देखने को  केवल हम ही रह जाते!!

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