क्यूँ याद आती है, सितमगर दिल जलाती है,
बाँहों की तपिश उनकी, हमेशा याद आती है,
सिहरन जगाती है,कुढ़न बढाती है /
रसोईघर के बर्तन में ,मानों दिल उबलता है,
कच्चे प्याज के माफिक ,मानों दिल उधड़ता है/
परत दर परत मानों याद छिलती है,
नमक सा काम करती है,जो ऊल्झन वक़्त बोती है/
उनकी ओंछी हरकतों से ,ये दिल भर आता है,
अब मुझसे दूर रहती है ,मैं उनसे दूर रहता हूँ/
गोया, लबों पे बात कम है आती,
दिल फिर भी प्यार करता है,
याद आती है,रुलाती है,
आँखों के पपोटे सुजाती है/
दिल हौले से खुद ही, एक सवाल करता है,
क्यूँ याद आती है ,सितमगर दिल जलाती है/
बाँहों की तपिश उनकी, हमेशा याद आती है,
सिहरन जगाती है,कुढ़न बढाती है /
रसोईघर के बर्तन में ,मानों दिल उबलता है,
कच्चे प्याज के माफिक ,मानों दिल उधड़ता है/
परत दर परत मानों याद छिलती है,
नमक सा काम करती है,जो ऊल्झन वक़्त बोती है/
उनकी ओंछी हरकतों से ,ये दिल भर आता है,
अब मुझसे दूर रहती है ,मैं उनसे दूर रहता हूँ/
गोया, लबों पे बात कम है आती,
दिल फिर भी प्यार करता है,
याद आती है,रुलाती है,
आँखों के पपोटे सुजाती है/
दिल हौले से खुद ही, एक सवाल करता है,
क्यूँ याद आती है ,सितमगर दिल जलाती है/
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