Posts

सावन

गिरगिटी दुनिया

तेरे वादे

मुझमे समाने की कोशिश हो जैसे

उड़ने पे पहरेदारी है

ओश के चादर तले

राख बन गई है मुहब्बत

ये तवायफ सोच तेरी

धनुषी पलकों के छाँव तले

कृष्ण चले पिचकारी लेकर

उम्मीदों के बोझ से लथपथ

जीवन और भौतिकवादी विचारधारा

तेरे मस्त आँखों के जलवों ने

बदलता देश

मैं मतंग सा एक पथिक हूँ

चाँद के चक्कर में

जाग-जाओ-हमवतन

तुम्हारा साथ

बेरोजगार मजनू

काबू करो काबू

जिंदगी

एक कोशिश